|| श्री निवासो विजयतेतराम ||
श्री नि० मुं० रा० स० महाविद्यालय बसांव कलां बक्सर, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा की सम्बद्ध स्नातक इकाई है| यह महाविद्यालय बक्सर जिला के हृदय स्थल में बसी हुई है| भवन एवं भूमि का धनि यह महाविद्यालय अपने विकास के पथ पर अग्रसर है| हरे भरे प्रांगण एवं देव भूमि होने से यहाँ का वातावरण शांत एवं सनिग्ध है| इस महाविद्यालय का अनुशासन और अनुशासित छात्र ही इसकी आत्मा है| बिहार राज्य के बक्सर जिला में संस्कृत शिक्षा प्रदान करने वाली यह सबसे पुरानी संस्था है| इस महाविद्यालय में प्राच्य विषयो (व्याकरण, ज्योतिष, वेद आदि ) के अतिरिक्त आधुनिक विषय (हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, संस्कृत आदि) के अध्ययन आद्यापन की व्यवस्था की गई है|
श्री निवास मुकुन्द रामानुज संस्कृत महाविद्यालय बसांव कलां की स्थापना बसांव मठ जिसकी स्थापना १८४८ में रामानुजदर्शन के प्रचार-प्रसार हेतु बसांव मठ में वैष्णव मत एवं विचार धारा के अंतर्गत हुई थी| बसांव मठ के महंथ प्राच ज्ञान के संवर्धन के प्रति समर्पित रहे है| बसांव मठ के महंथ श्री श्री १००८ स्वामी मुकुन्दाचार्य अपने ह्रदय में संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना अपने प्रधान मठ बसांव कलां में करने की इक्क्छा पाल रखे थे उनकी असामयिक ब्रह्मलीन हो जाने के वजह से पूरी नहीं हो सकी| बाद में उनके शिष्य बसांव पीठ अधिपति १००८ श्री श्री स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जो अपने गुरु की हृदय में पाले इक्छा को किसी भी किमत पर पूरा करने के प्रति समर्पित थे| दिनांक ०१ - ०७- १९४७ को इस संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की| इस महाविद्यालय की मान्यता संस्कृत असोसिएशन बिहार से पूर्व में सिर्फ मध्यमा स्तर तक के लिए इस के पत्रांक २००५-७/3ए-२-४८ दिनांक ३० सितम्बर १९४८ को मान्यता प्राप्त हुई| बाद में बिहार संस्कृत असोसिएशन के पत्रांक ५११/३ए-७-४८ दिनांक २५ अप्रैल १९४९ से इसकी मान्यता आचार्य स्तर तक व्याकरण के लिए तथा शास्त्री स्तर तक साहित्य विषय के लिए दिनांक ०१-०७-१९४८ के बहुत साक्छी प्रभाव से हुई| कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा जिसकी स्थापना १९६० में हुई के पश्चात यह टोल विद्यालय कामेश्वर सिंह संस्कृत वि० वि०, दरभंगा के अंतर्गत आ गया| बिहार सरकार शिक्षा विभाग, पटना के पत्रांक आई -/व् ०७१-७८/सी० २०४ दिनांक ०२-०३-१९८१ द्वारा इस टोल विद्यालय का वर्गीकरण शात्रि स्तरीय महाविद्यालय के रूप में किया गया| महाविद्यालय को अपना भवन जो वेबसाइट पर अंकित है के अलावे ७७ एकर ६३ डिसमिल जमीन है| महाविद्यालय को अपने छात्रों को महाविद्यालय में पढ़ने के अलावे स्थानीय श्री निवास भगवान जो विष्णु ही है, के पूजा-पाठ, प्राथना में भाग लेते है, और उनको मुफ्त भोजन, छात्रावास की सुविधा, चिकित्सकीय सुविधा के अलावे वस्त्रादि की सुविधा प्रदान करता है| बसांव पीठ के वर्तमान महंथ श्री श्री १००८ स्वामी अच्युत प्रपन्नाचार्य ने महाविद्यालय को दो मंजिला भवन, शौचालय, स्नानगार, समृद्ध पुस्तकालय, सभागार, इत्यादि के सुविधा अपने आरोहणकाल के पश्चात की है |
|| श्री निवासो विजयतेतराम ||
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